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अर्जुन के वृक्ष से लाभ - हेल्थ टिप्स - वैदिक सागर

अर्जुन के वृक्ष से लाभ...

- अर्जुन छाल को दूध् में पीसकर मधु मिलाकर सेवन करने से रक्तातिसार मिटता है।
- अर्जुन छाल एवं गंगेरण समभाग लेकर व आधा भाग एरण्ड बीज चूर्ण प्रतिदिन प्रातः सांयकाल बकरी के दूध् में डालकर ;लगभग ५ ग्राम चूर्णद्ध पकायें। ठण्डा होने पर विषम मात्राा ;१-३ या ३-१द्ध में घृत मध्ु मिलाकर पिलाने से क्षय रोग मिटता है।

- त्वक चूर्ण, अर्जुनत्वक चूर्ण एवं चावलों का चूर्ण सेवन करने से कुष्ठ में लाभ होता है व समस्त प्रकार के त्वचागत रोग मिटते है।


- भृंगराज एवं अर्जुनक्षार दही के पानी के साथ सेवन करने से संग्रहणी में लाभ होता है।

- उडद के आटे में अर्जुन छाल चूर्ण मिलाकर घृत में सेंक कर भैंस के दूध् में पकाकर सेवन करने से भस्मक तीक्ष्णाग्निद्ध मिटती है।
- २ ग्राम अर्जुन त्वक चूर्ण, २ ग्राम कडुवा इन्द्र जौ चूर्ण मिलाकर शीतल जल से सेवन करने से तीव्र अतिसार मिटता है।

- अर्जुन छाल ३ ग्राम, गुलाब जल १५ मिली, द्राक्षरिष्ट या मृ(कासव १५ मिली की मात्रा से प्रतिदिन भोजन के पश्चात यदि गर्भवती स्त्राी सेवन करें तो उसे बहुत सुंदर सन्तान की प्राप्ति होती है, ऐसा स्वयं कई बार परीक्षित है।

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